चौथा मंत्र- अपनी पुरानी बचत राशि से अपना आज बेहतर बनाओ
अरविंद और रवि क़र्ज़ चुकाने के 5 मंत्र के प्लान की लगभग आधी दूरी तय कर चुके हैं। इससे पहले, उन्होंने एक बजट बनाया और उसकी इंकम बढ़ाने के तरीक़ों का आकलन करके रवि के लोन के भुगतान के लिए एक प्लान बनाया।
पढ़िए तीसरा मंत्र – ‘क़ायदे से अपने क़र्ज़े चुकाने का तरीक़ा चुनो’
आइए देखते हैं आगे क्या हुआ?
रवि के आने पर अरविंद ने उसका चेहरा देखकर ये भाँप लिया की कुछ ठीक नहीं है। उसके पूछने पर, उसे मालूम पढ़ा की रवि की माँ की तबियत में कोई सुधार नहीं है और वो इस बात से चिंतित है की डॉक्टर ने उसकी माँ के लिए कुछ और जाँचें बताई हैं।
“मैंने एक कोडर की तरह फ़्रीलैन्सिंग करना शुरू कर दिया है, लेकिन काम रेगुलर नहीं है। मुझे इस बात की चिंता है की अगर मुझे ज़्यादा काम नहीं मिला तो मुझे फिर से अपने क्रेडिट कार्ड से सारा ख़र्च करना पड़ेगा। भगवान ना करें, लेकिन अगर उन्हें पिछली बार की तरह हफ़्तों तक अस्पताल में भर्ती करना पढ़ा तो मैं सब ख़र्च नहीं उठा पाउँगा। मुझे लगता है मैं कभी अपने सर से क़र्ज़ नहीं उतार पाउँगा।, रवि ने चिंतित स्वर में कहा।
“घबराओ मत रवि। तुम जो कर सकते हो तुम कर रहे हो, लेकिन क़र्ज़ ऐसे रातों रात ग़ायब नहीं हो जाता। तुम्हें बहुत धैर्य से काम लेना हैऔर अपने भुगतानों में कोई लापरवाही नहीं दिखानी।
अब वक़्त है मंत्र 4 पर आने का- ‘अपनी पुरानी बचत राशि से अपना आज बेहतर बनाओ। अब बताओ क्या तुम्हारे पास कोई बचत राशि है भी?”, अरविंद ने पूछा।
‘वैसे, मेरे पास 1.5 लाख रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट में हैं और तीन एस आइ पी की म्यूचूअल फ़ंड इन्वेस्टमेंट है- दोनो का पूरा भुगतान मैं कर चुका हूँ और बस तीसरे की 6 महीने की किश्तें भरी हैं।“, रवि ने कहा।
तुम्हें इस फ़िक्स्ड डिपॉज़िट के पैसे को माँ के इलाज और लोन के भुगतान में लगाना चाहिए। अरविंद ने सलाह दी। तुम अपने म्यूचूअल फ़ंड निवेश से भी पैसा निकाल सकते हो। बेशक कुछ पेनलटी लगेंगी लेकिन वो तुम्हारे लोन पर इंट्रेस्ट रेट से कम ही होगा।
लेकिन सब तो कहते है की तुम्हें अपनी सेविंज़ को नहीं छेड़ना चाहिए?, रवि उलझन में था।
हाँ, लेकिन कभी कभी ये करने में ही समझदारी है। देखो, तुम्हें अपनी एफ डी पर 6.5% का इंट्रेस्ट मिलता है, है ना? लेकिन तुम अपने ऑटो और नीजी लोन पर कितना इंट्रेस्ट दे रहे हो? 10-15% तक, है ना? और देर से किए गए भुगतान शुल्क और निरंतर उगाही के लिए कॉल्ज़।
अगर सेविंज़ पर कमाया हुआ इंट्रेस्ट लोन पर दिए गए इंट्रेस्ट से कम है, जैसा कि तुम्हारे केस में है, इसी में समझदारी है की तुम अपनी सेविंज़ को अपने क़र्ज़ के बोझ को हल्का करने में इस्तेमाल करो।“ अरविंद ने समझाया।
लेकिन इस तरह तो मेरे पास कोई सेविंज़ ही नहीं बचेगी? मेरे भविष्य के गोल्ज़ का क्या और अगर माँ के इलाज में एकदम से पैसे चाहिए हुए तो? रवि ने चिंता जताते हुए पूछा।
“तुम्हारे वर्तमान को तुम्हारी सेविंज़ की ज़्यादा ज़रूरत है। तुम्हें सब इस्तेमाल करने की ज़रूरत नहीं हैं। कुछ भविष्य के लिए भी बचा लो। तुम अपने प्रॉविडेंट फ़ंड का भी कुछ हिस्सा निकाल सकते हो अगर ज़रूरत पड़े तो। इस तरह तुम कुछ इंट्रेस्ट की राशि भी बचा लोगे। क्या तुम्हारे पास कोई और सेविंज़ या निवेश है? बीमा?” अरविंद ने पूछा
“मेरे पास जीवन बीमा है। लेकिन उसको मैच्योर होने में तो अभी काफ़ी समय है”, रवि ने जवाब दिया।
“जीवन बीमा के एवज़ में तुम्हें कम दरों पर लोन मिल सकता है लेकिन भुगतान करना मत भूलना। तुम सिर्फ़ बीमा से ही हाथ नहीं धो बैठोगे बल्कि तुम्हें देर से भुगतान करने का हर्ज़ाना भी भुगतना पड़ेगा। अगर फिर भी तुम्हारे पास पैसे कम पड़ते हैं तो तुम अपने परिवार के सदस्यों से मदद माँग सकते हो, जैसे तुम्हारा भाई जो न्यूज़ीलैंड में रहता है। लेकिन ध्यान रखना की तुम उन पर किसी तरह का दबाव ना बनाओ।
इसे किसी क़र्ज़ की तरह ही लेना और उसे वक़्त पर चुकाना। वरना, तुम्हारे रिश्तों में खटास पैदा हो सकती है। या फिर तुम उसे अगले छ: महीनों के लिए माँ के इलाज का ख़र्च उठाने के लिए कह सकते हो, इस समय में तुम अपने ख़र्चों को नियमित कर पाओगे। और उसके अगले छः महीनों के लिए तुम अपनी माँ के इलाज का ख़र्च उठा सकते हो।”, अरविंद ने रवि को सुझाव दिया।
बातचीत के बाद रवि को एक आशा की किरण दिखाई दी और उसने अरविंद से कहा की वो अपनी सेविंज़ का एक हिस्सा अपने नीजी लोन के बड़े भुगतान में इस्तेमाल करेगा। इसके साथ वो अलग हुए, और फिर मिलकर अपने 5 मंत्र के अंतिम पढ़ाव पर बातचीत करने का वादा किया।
याद रखिए, हम अपना भविष्य कभी नहीं बचा सकते अगर हमारा वर्तमान ख़तरे में है। सेविंज़ किसी भी आपात स्तिथि से लड़ने में हमारे काम आने के लिए होती हैं। आप हमेशा अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए मेहनत कर सकते हैं अगर आपकी माली हालत स्थिर है।
आगे क्या हुआ जानने के लिए पढ़े मंत्र 5 – मदद के लिए अपनी लोन कम्पनी से बात करें
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